Graphisads ऋषिकेश trip
25 अप्रैल को करीब दो महीने बाद graphisads Ltd के CMD मुकेश गुप्ता जी से मिला थोड़ी देर, फिर अपने साथी इरशाद अनस और आमिर भाई से मिला। तब पता चला 26/27/28 अप्रैल तीन दिन का ऋषिकेश का कार्यक्रम है बड़े संस्थान अपने स्टाफ को motivation और नई ऊर्जा के लिए इस तरह के कार्यक्रम रखते है।
Graphisads एक चिरपरिचित नाम है विज्ञापन की दुनियां में खासकर दिल्ली एनसीआर में। हम अखबारों होर्डिंग रेडियो टीवी में जो विज्ञापन पढ़ते देखते है उनमें Graphisads की भी अच्छी खासी हिस्सेदारी होती है। विज्ञापन के अलावा विभिन्न सरकारी इवेंट्स में भी इस कम्पनी ने अपनी पैठ बनाई है ।
इस कम्पनी के चेयरमैन और MD है Mukesh Gupta ji और कम्पनी का आधुनिक संचालन है उनके सुपुत्र आलोक गुप्ता के सुरक्षित हाथों में। ये तो हो गई संक्षिप्त जानकारी अब आगे।
सभी छोटी बड़ी कम्पनी अपने staff साथियों को मनोरंजन और motivation के लिए कुछ ना कुछ नया करते रहते है इसी कड़ी में graphisads ने अपने staff के लिए ऋषिकेश का तीन दिवसीय trip का तोहफा दिया।
मेरा जाना अचानक ही हुआ क्योंकि मैं दो महीने से करीब ऑफिस नही जा पाया था मैं graphisads में director हूं पिछले साल ही मुम्बई से आने के बाद मुकेश जी ने मुझे ये जिम्मेदारी दी।
मुकेश जी से पूछने के बाद मैंने सुबह जाने का plan बनाया, चूंकि trip सिर्फ staff के लिए थी लिहाज़ा घर का कोई सदस्य जा नहीं सकता था हमारे यहां लोकसभा की वोटिंग भी थी लेकिन वोटर आई डी में नाम न होने से इस महाकुम्भ में शामिल नहीं हो पाया।
मैं करीब 11 बजे सुबह अपनी कार से निकला अकेले। Trip में ऋषिकेश तक मेहदी हसन और गुलाम अली की कई गजल सुनी एक सीडी में मेहदी हसन ने अपने विषय में हिन्दुस्तान पाकिस्तान के बारे में यहां वहां के संगीत के विषय में बहुत विस्तार से चर्चा की है जिनके बारे में लोगो को पता नहीं है। उस चर्चा को सबके लिए किसी वीडियो में पेश करूंगा ।
करीब चार बजे हरिद्वार पुल से left turn लिया जो सीधे साढ़े चार बजे तक नीरज रिवर रिजॉर्ट पर पहुंचा । नीरज रिजॉर्ट बेहद खुबसूरत है जंगल में मंगल जैसे उदाहरण के लिए सटीक ।
जब मैं पहुंचा तो होटल स्टाफ ने तिलक लगाकर तुलसी की 108 मनकों की माला देकर स्वागत किया । पूर्णतया सनातन का एहसास, 4.30 बजे भी लंच लगा हुआ था। पांच बजे सब लंच वाले हॉल में एकत्र हुए और सिलसिला शुरू हुआ ग्राफिसैड्स से जुड़े किस्से कहानियों का ।
मेरे लिए आलोक गुप्ता को सुनना सुखद आश्चर्य था क्योंकि जब हम मुम्बई shift हुए थे तब तक आलोक ने बचपन से युवा दहलीज पर कदम रखा ही था । आलोक को पहली बार सुन रहा था सधा सरल अंदाज बोलने की परपक्वता और खुद स्वीकार करना कि काम को लेकर वो हमेशा कड़क और गम्भीर है।
सभी स्टाफ को मैं मिलता देखता रहा हूं पुराने लोगो में अनिल रस्तोगी जी, बीएम झा जी और पुनः जुड़े विवेक सिन्हा जी को बहुत पहले से जानता हूं अन्य सभी करीब करीब मेरे लिए नए ही है ।
ऑफिस जाता रहा हूं एक बात हमेशा मन को खटकती रही कि graphisads के लोग दुआ सलाम अभिवादन में बहुत यकीन नही रखते लेकिन ऋषिकेश आने और मिलने के बाद ये भ्रम टूटा। सभी स्टॉफ की आपसी बॉन्डिंग अच्छी है ।
सबसे अच्छी और बेहतरीन बात लगी मुकेश जी के प्रति सभी सहकर्मियों का समर्पण भाव वरना आज के दौर में किसी कम्पनी में परिवार जैसा माहौल मिलना बेहद कठिन है । मुकेश जी को मैं बहुत पहले से जानता हूं उनका सरल होना किसी को भी आकर्षित कर सकता है । जैसा कि उनके मित्र बिनय प्रकाश जी ने उस दिन कहा मुझे मुकेश की सब से बेहतरीन खूबी लगती है वो नाराज भी हो तो मुस्कराते हुए अपनी नाराजगी जताते है।
आर एन शर्मा जी का जिक्र करना जरूरी है 80 वर्ष से ऊपर के शर्मा जी पहले फौज में बड़ी पोस्ट में थे । वो graphisads के संकटमोचक है । उनके विषय में जो किस्से सुनने को मिले उससे यही साबित होता है जो काम किसी से न हो वो शर्मा जी ही कर सकते है। इस उम्र में उनकी गर्मजोशी देखते ही बनती है । कम्पनी के लिए अकाउंट हेड अनिल रस्तोगी भी सफ़लता की धुरी है ।
करीब 65 लोग थे इस trip में और सभी मुकेश जी के प्रति दिल से आदरभाव रखते है। मुकेश जी भी सभी स्टॉफ को परिवार का हिस्सा मानते है ।
उस शाम कई किस्से कहानियां सुनाए गए सबसे अधिक किस्से बीएम झा के पास थे क्योंकि सभी इवेंट्स को संभालने की जिम्मेदारी उन्ही के पास रहती है तो स्वाभाविक है कई अतरंगी किस्से उन्ही के पास होंगे उनका जिक्र यहां करूं तो कई पेज भर जायेंगे।
उस सभा के बाद रात्रि भोज और सुरा का इंतजाम भी था । कुछ साथियों की क्षमता अद्भुत थी । इस कार्यक्रम से ही पता चला कि इस परिवार मे अपने काम में परिपक्व होने के अतिरिक्त भी अद्भुत प्रतिभा छुपी हुई है । मुझे जो पहला नाम याद आ रहा है वो है निर्मल का वो बहुत सुरीले गायक है उनको सुनकर कहा जा सकता है वो व्यवसायिक गायक भी हो सकते थे हो सकते है ।
सीमा जी ने बिना संगीत के अच्छी प्रस्तुति दी। आलोक जी में गायक के गुण पापा से ही मिले है उन्होंने अच्छा गाना गाया। मुकेश जी ने तो कई अवसरों पर अपनी गायन प्रतिभा का लोहा मनवाया है उनके गाए 60/70 दशक के गाने सबको साथ गाने के लिए मजबूर करते है।
सबको आश्चर्य में डाला हाल ही में ब्याही परख का नृत्य देख कर उनकी नृत्य निपुणता ने सबसे अधिक तालियां बटोरी। उनके अतिरिक्त शिवानी ने भी अपने शानदार स्टेप्स से सबका मन खूब मोहा। आमिर और इरशाद की शेरो शायरी और अनस द्वारा लोगो की नकल और ख़बर पाठन ने सबका दिल जीता ।
अनस की बात चल रही है तो मैं वापसी का किस्सा बताता चलता हूं। Rishikesh से हम एक ही गाड़ी में थे एक मित्र ने उनके आने से पहले मुझे पूछा था हरीश जी आप आमिर इरशाद और अनस से कैसे एकाकार हो कैसे साध लेते है इन्हे। मेरा जवाब था बहुत आसान हैं मैं उनके जैसा ही हो जाता हूं।
जब अनस गाड़ी में आ गया तो बातों बातों में अनस ने तीन चार संस्कृत के श्लोक सुनाए मतलब बताया। उसने कहा मैं तो संघ के स्कूल में पढ़ा हूं श्लोक वंदे मातरम जन गण मन तो हमें रोज बताया गवाया जाता था ।
छोटी उम्र में ही अनस समझ गया सबसे जरूरी है पढ़ाई। मैं ये नही कह रहा पढ़ाई से सब सही हो जायेगा लेकिन जाहिल कम तो होंगे।
खैर पहले दिन के man off the match तो निर्मल ही थे।
उस दिन दोपहर में मेरे कमरे में आमिर इरशाद और अनस ने फूलों का गुलदस्ता देकर मेरे प्रति सम्मान जताया। मेरे साथ कमरे में कपिल अरोड़ा थे। ऑफिस में एक दो बार दुआ सलाम हुई थी बस। लेकिन एक दूसरे को समझने के लिए ईश्वर ने देवभूमि को चुना।
मेरी कपिल जी की काफी देर बात हुई पहली रात। मुझे पता चला उनकी एक अद्भुत बेटी है जो सिर्फ नृत्य संगीत ही जीती है । मैंने उन्हें उनके विषय में बताया वो पिछले जन्म में योगी थे और मैं उन्हें योगी ही बुलाऊंगा।नीरज रिवर रिजॉर्ट का खाना भी स्वादिष्ट था और जगह की जितनी तारीफ की जाएं कम है रिजॉर्ट में सबसे अधिक ध्यान हरियाली पर दिया है मुझे एक मोर ने बहुत आकर्षित किया मोर की painting है और पंखों को ऐसे सजाया गया कि सब पर पौधे रखे है लॉबी में भगवान बुद्ध की खुबसूरत तस्वीर लगी है। दो बड़े घास के मैदान है जहां 100 लोग आराम से आ सकते है
रिजॉर्ट के सामने से ही नजर जा रही है चिल्ला नहर लेकिन उसमे बहाव इतना तेज है कि उसमे नहाना खतरे से खाली नहीं और इजाजत भी नही । गर्मी का आनन्द लेने के लिए स्विमिंग पूल भी है ।
पहली रात्रि जब हम रात्रि भोज में गा बजा खा रहे थे तभी किसी ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें रिजॉर्ट के बाहर ही एक तेंदुए को देखा गया जिसकी clip CCTV में कैद हो गई थी किसी मित्र ने कहा अरे ये तो पुरानी फुटेज है तो मेरा जवाब था शेर date पढ़कर नही आता पहले आ गया तो दोबारा नहीं आयेगा ऐसा तो है नही, फिलहाल हमे शेर का कोई डर नहीं था।
अगले दिन सुबह दो जगह जाने की choice थी रिवर राफ्टिंग या नीलकंठ महादेव मन्दिर। मैंने रिवर राफ्टिंग चुना क्योंकि यह पहला मौका था पानी को चीरकर आगे बढ़ने का । महादेव महाकाल नीलकंठ तो मेरे साथ ही होते है सदा। हम 12 लोग रिवर राफ्टिंग वाले थे बाकि सभी नीलकंठ महादेव गए।
लेकिन रिवर राफ्टिंग site तक पहुंचना आसान नहीं था उस दिन कोई सरकारी अवकाश शायद मजदूर दिवस के कारण छुट्टी थी जिस जगह हमे रिवर राफ्टिंग का इंतजाम करने वाले लोगो से मिलना था वहां तक पहुंचने में हमे 3 घण्टे लग गए जबकि वापसी में हम आधे घण्टे में ही अपने होटल पहुंच गए थे।
पहले हम राम झूले में भटकते रहे फिर वापस पैदल कभी अपनी मिनी बस से जैसे तैसे पहुंचे इस एजेन्सी के पास जिसने हमें गंगा में ले जाना था। वहां से हम 8 लोग एक गाड़ी में सवार होकर करीब एक घण्टे की दूरी का सफर तय कर गंगा किनारे पहुंचे हमारे साथ एक गाइड रक्षक कैमरा मैन वन मैन आर्मी था भंडारी हमारी नाव गंगा में पहुंच चुकी थी ।
भंडारी ने हमे समझाया कैसे चप्पू चलाने है कैसे उसके आदेशो पर ध्यान देना है ।भंडारी ने हमें बताया कि उसके सारे दिन में करीब 3 अधिकाधिक 4 चक्कर लग जाते है । रिवर राफ्टिंग का सफर करीब 9 किलोमीटर का था हमारे चार साथी दूसरी किसी नाव में थे ।
सुरक्षा के लिए हमे जैकेट और हेलमेट पहना दिए गए थे । नाव में चढ़ने से पहले भंडारी ने अपने हेलमेट में लगे GoPro कैमरे की तरफ इशारा कर बताया कि यदि आपको वीडियो फोटो चाहिए तो 3000 रूपए लगेंगे हमने सोचा यादगार के तौर पर हमें इस धरोहर को अपने पास रखना चाहिए हम वीडियो के लिए तैयार हो गए क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से हमारे मोबाइल एक बैग में रख लिए गए थे ।
मेरे अलावा जो अन्य लोग थे इरशाद आमिर राजेश बलाखे, अंकित गोयल,अनिल रुस्तागी, नवीन मगु, रूपेश सिंह, सौरभ शर्मा, नाजिम खान और जितेन्द्र विवेक सिन्हा सभी बहुत जोश में थे ।
सफर शुरू हुआ हमे चप्पू कैसे चलाने है समझने में 2 मिनट लगे जोश भरने के लिए हमारे इर्दगिर्द से जो राफ्टिंग नाव जा रही थी कुछ ना कुछ नारे लगा रही थी हमारी नाव में सवार लोगो का नारा था बोलो गंगा मैया की जय कुछ लोग जय श्री राम के नारे भी लगा रहे थे ।
अभी हम थोड़ी दूर ही गए होंगे कि भंडारी ने कहा सब कुछ कहेंगे वीडियो बन रहा था लगभग सबने यही कहा हम जोश में है होश में है बहुत आनंद आने वाला है इस अनुभव को हम हमेशा याद रखने वाले है नारे लगाते हम करीब दो किलोमीटर गए होंगे कि भंडारी ने एक जगह नाव को रुकवा दिया और सबसे कहा सब नदी में कूद जाएं शुरुआती हिचक के बाद सब नदी में कूद गए डूबने का scope था नही क्योंकि सुरक्षा जैकेट पहनी थी
हम नाव के किनारे पानी में अठखेलियां कर रहे थे करीब 15 मिनट एकदम ठंडे पानी में आनंद लेते रहे । उसके बाद आगे का सफर शुरू हुआ ।मैं एक ही बार पानी में उतरा जबकि बाकी साथी 3 बार । करीब डेढ़ घण्टे राफ्टिंग के बाद हम अपने गंतव्य पर पहुंचे। यदि हम राफ्टिंग नही करते तो अफसोस होता हमने इस adventure का मजा क्यों नही लिया।
जब हम पहुंचे करीब तीन बज चुके थे सब के पेट में चूहे कुलाचे मार रहे थे हमने पूछ कर प्रसिद्ध टोपी वाले भोजनालय में लंच किया । तब तक हमारे अन्य चार साथी भी आ गए थे । तभी विवेक जी ने बताया मुकेश जी जा चुके है दिल्ली।
हमारी गाड़ी करीब 2 किलोमीटर दूर खड़ी थी । गाड़ी में पहुंच कर सबने पानी पीकर सफर शुरू किया । आधे घण्टे में हम अपने रिजॉर्ट में थे । लंच तब भी लगा था । कुछ किया कुछ जरुरत नही लगी ।
5 बजे करीब हमे रिजॉर्ट के बड़े लॉन में एकत्र होना था कुछ मनोरंजक खेलो के लिए दो लोगो की टीम आई थी करीब ⅚ गेम थे मुझे सबसे अच्छा लगा एक टेबिल पर जो लोग बैठे है उन्हे अपनी या अपने किसी साथी की वो बातें बतानी है जो सबको नहीं पता और उसके बाद अपनी टेबिल change करनी है ।
इरशाद ने मेरे विषय में बोला मैंने अपने विषय में बोला पहली बार सबको बताया मैं हस्तरेखा वास्तुशास्त्र ज्योतिष का ज्ञाता हूं। बाकी अन्य game भी हुए लेकिन मेरी उनमें कुछ खास रुचि नहीं थी । रात्रि कमरे में पहुंचा तब तक 11 बज चुके थे । अगली सुबह 5 बजे करीब प्रकृति दोहन का कार्यक्रम था उसके बाद घर वापसी थी ।
जब मैं तैयार होकर breakfast को पहुंचा उस समय ही आलोक जी ने अपना motivational lecture खत्म ही किया था उसके बाद एक ग्रुप फोटो खींचा गया ।
मैं नाश्ते के लिए आया तो कुछ साथी अपना हाथ दिखाने आ गए कई लोग हाथ दिखाना चाहते थे लेकिन सबको बस से जाना था बस इन्तजार कर रही थी लिहाजा वही लोग रह गए जो अपनी कार से जाने वाले थे राजेश जी और धर्मवीर जी मेरे साथ हो गए। आमिर भाई की गाड़ी में इरशाद अनस और …. सवार हो लिए।
इस वादे के साथ रास्ते में रुकते रुकाते चलेंगे। एक जगह हम रुके गन्ने के जूस के लिए और एक जगह कॉफी के लिए । वहां से धर्मवीर आमिर की गाड़ी में और अनस हमारी गाड़ी में आ गए।
जब दोनो को उतार कर घर पहुंचा तो आठ बज रहे थे ।
Trip के लिए मुकेश Sir को धन्यवाद किया trip वास्तव मे शानदार थी और इससे सभी में नई ऊर्जा आयेगी। अक्षय पांडेय जिन्होने सभी कार्यक्रमों को सुचारुरूप से आख़िरी अंजाम तक पहुंचाया उनको साधुवाद, आलोक गुप्ता जी के मार्गदर्शन में यह सफर हमेशा यादगार रहेगा।
Sir thank you very much it's a wonderful trip and much needed for all, I am sure this trip idea was Alok ji, I am very much impressed with Alok ji s approach and communication skills, you are a unique personality and Father figure for me and all, I am surprised and very much impressed with all the staff no one even say a word against you or Graphisads, all are very loyal towards company and for both of you, for me this trip is to understand other staff closely and come to know many of them well and there skills and nature, I am writing a detailed trip experience and share, thanks again and proud to be part of it, regards,हरीश शर्मा